सूरए अल काफिरून मक्का या मदीना में नाजि़र हुआ और उसकी छः (6) आयतें हैं
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि ऐ काफिरों (1)
तुम जिन चीज़ों को पूजते हो, मैं उनको नहीं पूजता (2)
और जिस (ख़ुदा) की मैं इबादत करता हूँ उसकी तुम इबादत नहीं करते (3)
और जिन्हें तुम पूजते हो मैं उनका पूजने वाला नहीं (4)
और जिसकी मैं इबादत करता हूँ उसकी तुम इबादत करने वाले नहीं (5)
तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन मेरे लिए मेरा दीन (6)
सूरए अल काफिरून ख़त्म