108 सूरए अल कौसर
सूरए अल कौसर मक्का या मदीने में नाजि़र हुआ और उसकी तीन (3) आयतें हैं
खुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
(ऐ रसूल) हमनें तुमको को कौसर अता किया, (1)
तो तुम अपने परवरदिगार की नमाज़ पढ़ा करो (2)
और क़ुर्बानी दिया करो बेशक तुम्हारा दुश्मन बे औलाद रहेगा (3)

सूरए अल कौसर ख़त्म